Home Tribals Culture News TSP के पैसों का बंदरबांट,आदिवासियों के विकास के पैसों का सरकारी आर्थिक घोटाले का काला सच….

TSP के पैसों का बंदरबांट,आदिवासियों के विकास के पैसों का सरकारी आर्थिक घोटाले का काला सच….

by Johar TV
0 comment

Table of Contents

जानजाति उप योजना (ट्राइबल सब प्लांन)भारत के संविधान के अनुच्छेद 275(01) पांचवी पंचवर्षीय योजना का इस अवधारणा से किया गया था।
जिसका उपयोग भारत के राज्यों में जनजाति आबादी के विकास के लिए केन्द सरकार से मिलने वाले पैसो लाभों से विभिन्न कल्याणकारी योजना का कार्यान्वयन कर समग्र विकास किया जा सके।
जनजाति योजना के मध्यम से जनजातियों के लिए शिक्षा,स्वास्थ सेवा, आवास, आय सृजन के अवसरों और शोषण, उत्पीडन के खिलाफ सुरक्षा दे कर आदिवासी आबादी व अन्य समाजों के बीच अर्थिक,समाजिक,शैक्षणिक,
स्वास्थ जेसे मूलभूत अन्तर को पाटा जा सके ।
जनजातीय उप योजना(TSP) की आवधरना पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974-1979) और 17 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से विकास योजना के कार्यान्वयन हेतु शुरुआत हुई। जनजातीय उप योजना(TSP) मे धीरे-धीरे क्षेत्र को बढ़ाया गया और नवी पंचवर्षीय योजना(2002) में 22 राज्य और कई केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया। देश के वैसे जिले व प्रखंड जिसकी आबादी 50% आदिवासी होते हैं ।उनको इनमें शामिल किया जाता है ,जनजातीय उप योजनाओं को संबंधित राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्रालय देखते हैं। जनजातिया कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार जनजातीय उप योजना(TSP) के लिए पैसों का आवंटन भारत के संविधान के 275(01) के तहत भारत सरकार के 43 मंत्रालय व विभाग को द्वारा आवंटित की जाती है।

जनजाति उप विकास(TSP) के पैसों के बंदरबांट का काला सच:
(क)The Hindu में प्रकाशित संजय बसु, नीरज कुमार और शशि शेखर के शोध के अनुसार जनजाति उप योजना(TSP) में आवंटित राशि का उपयोग आदिवासियों के विकास के लिए नहीं यद्यपि और अधिक दोहन शोषण के लिए केंद्रीय सरकार कर रही है। जिसका प्रमाणिक उदाहरण वित्तीय वर्ष 2011-12 एवं 2017-18 में खनन मंत्रालय, भारत सरकार ने जनजाति उप योजना(TSP) के 6621लाख रुपये का आवंटन भारतीय भूतत्व (जूलॉजी) विभाग को आदिवासी क्षेत्र में और अधिक खनन कार्य के सवंक्षणो हेतु आवंटन किया गया।
(ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 भारत सरकार, कपड़ा मंत्रालय ने जनजाति उप विकास(TSP) के 61.81 करोड़ में से 30 करोड National Handloom Development Corporation Ltd(NHDCL) को दे दिया।
सरकारी स्तर पर जनजातीय उप योजना (TSP) के पैसों को सरकारी स्तर पर बंदरबांट करने की ऐसी अनेको उदाहरण है।
(ग) जनजातिया कार्य मंत्रालय ,भारत सरकार के अनुसार 37 मंत्रालयों व विभागो द्वारा आदिवासियों के चौमुखी विकास हेतु 289 विकास योजनाएं देशभर में संचालित है,को चलाने हेतु पैंसा देते हैं।जो हर वित्तीय वर्ष में हजारों,लाखों करोड़ रुपए होते है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत जनजातीय उप विकास(TSP) में आवंटित पैसौं का भारत सरकार द्वारा खुलेआम बंदरबांट कर दूसरे मदो में खर्च करना।
क्या उनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं ?
इसे क्यों नहीं माना जाए की जनजातीय अत्याचार अधिनियम 1989 के तहत इसे जनजातियों के प्रति आर्थिक दंडनीय अपराध है ।सोचे विचारे व मंथन करे ।

जोहार टीवी भारतवर्ष के लिए समाचार संग्रहकर्ता, लेखक, समाजसेवी संजय पाहन का विचार।
देखते रहे …
जोहर टीवी भारतवर्ष।
प्राकृति और विकृति का द्वंद।

You may also like

Leave a Comment

Subscribe My Newsletter For new Blog posts, tips & new Photos. Lets Stay updated.


At Johar TV, our mission is to be the voice of the tribal communities and bring their stories to the forefront. We are more than just a news outlet; we are dedicated to fostering positive change, empowerment, and the overall well-being of tribal people across the globe.

Edtior's Picks

Latest Articles

Copyright @ JoharTv 2024 All Right Reserved.

Designed and Developed by Brightcode