Home Tribals Culture News डूवर्स-तराई,असम के आदिवासी पार्टी कैडर…अपने हक-अधिकारों के प्रति सजग है या राजनीतिक धंगर (गुलाम) ?

डूवर्स-तराई,असम के आदिवासी पार्टी कैडर…अपने हक-अधिकारों के प्रति सजग है या राजनीतिक धंगर (गुलाम) ?

by Johar TV
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चाय श्रमिक व इलेक्ट्रोरल बॉन्ड( राजनीतिक चंदा) का क्या संबंध है।
दिलचस्प प्रशन…
जानने समझने के लिए लॉगिन करें ।
जोहर टीवी भारतवर्ष।
प्राकृतिक और विकृति का द्वंद।
आदिवासी आदिकाल से उत्तरी बंगाल डूवर्स व तराई के तीन जिलों अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग व असम प्रदेश के विभिन्न जिलों में आदिकाल से निवास करते आ रहे हैं।
उनके पुरखों ने अपने खून पसीनो से यहां के भयानक जंगलों को काटकर तत्कालीन अंग्रेज शासको के लिए चाय की खेती की और पूरे विश्व में इस क्षेत्र को चाय के उत्पादक के रूप में पहचान दी।
परंतु सोचनीय विषय, इसके बदले इन चाय श्रमिकों को क्या मिला ???
भुखमरी, कुपोषण ,अशिक्षा, आर्थिक पिछलापन के साथ 08 घंटे की जगह 12 घंटे काम करने के बाद भी न्यूनतम दैनिक मजदूरी भी नहीं।
कभी आपने सोचा है, राजनीतिक पार्टी इन चाय बागानों के मालिकों को आजादी के बाद से ही कानूनी रूप से लागू सरकारी न्यूनतम दैनिक मजदूरी भुगतान करने को क्यों नहीं कहती है व न्यूनतम दैनिक मजदूरी लागू क्यों नही करवाती है।
भारत देश ने तो आज जाना है इलेक्टरल बॉन्ड (राजनीतिक चंदा) क्या है।
चाय श्रमिक तो इसके शिकार है,आजादी के समय से ।
चाय बागान मालिक इलेक्टोरल बांड यानी राजनीतिक चंदा के रूप में चाय श्रमिकों के हिस्से के मेहनत मजदूरी के पैसे के कुछ हिस्से इन राजनीतिक पार्टीयो के खाते में सीधे डाल देते हैं और करते हैं चाय श्रमिकों का आर्थिक दमन शोषण व अत्याचार ।
इसके लिए कौन जिम्मेवार है ।
राजनीतिक पार्टी, चाय श्रमिक यूनियन, राजनीतिक पार्टी कैडर यह आप स्वय।
(01) उन्हें उनके व अपके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सजग व तत्पर रहने को प्रेरित करें। उन्हें इन विषयों की जानकारी दें।
(02) केवल अज्ञानता में पांच सौ प्रतिदिन लेकर हक और अधिकार के बदले केवल राजनीतिक पार्टियों के धंगर(नौकर) के रूप में प्रचार प्रसार का( दैनिक मजदूरी) ना करें।
(03)उनकी अज्ञानता को दूर करें। उन्हें व चाय श्रमिकों का हक अधिकार बताएं।
खुद व समाज को सजक बनाएं।
सोचे समझे आत्म मंथन करें और मतदान जरूर करें।
हम चाय बागान बस्ती के जनमुद्दो को, आपके सम्मुख आगामी चुनाव तक रखेंगे ।
देखते रहे जोहर टीवी भारतवर्ष।
प्राकृतिक और विकृति का द्वंद

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