Home Tribals Culture News डूवर्स-तराई के आदिवासी समाज की चौमुखी विकास हेतु शोधपूर्ण ब्लूप्रिंट रूपरेखा।जाने और विचार करें..

डूवर्स-तराई के आदिवासी समाज की चौमुखी विकास हेतु शोधपूर्ण ब्लूप्रिंट रूपरेखा।जाने और विचार करें..

by Johar TV
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यह है…
डूवर्स-तराई के आदिवासी समाज की चौमुखी विकास हेतु ब्लूप्रिंट (रूपरेखा)।
अपने हक-अधिकार को जानने सुनने हेतु लॉगिन करें।
जोहर टीवी भारतवर्ष ।
प्रकृति और विकृति का द्वंद।
शोधकर्ता:संजय पाहन।
(01 )—-डुवर्स-तराई के जिन प्रखंडों में आदिवासियों की जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक है।
उन प्रखंडों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244(1) के तहत 5वीं या छठी अनुसूची शामिल करने हेतु राज्य सरकार भारत के राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजें। ताकि महामहिम राष्ट्रपति अपने आदिवासियो के संरक्षण सुरक्षा हेतु प्रदत संवैधानिक नियमों अधिकारों का प्रयोग करते हुए वैसे प्रखंडों को पांचवी या छठी अनुसूचित क्षेत्र घोषित कर पाए। ताकि इस क्षेत्र के आदिवासियों को भी उचित संवैधानिक संरक्षण मिल सके व जनजाति विकास के सारे अधिकार बाकी क्षेत्रो के आदिवासियों की तरह इनको भी मिल सके।
(02) राज्य सरकार द्वारा भी अलीपुरद्वारा, जलपाईगुड़ी व दार्जिलिंग जिले के डूवर्स व तराई क्षेत्र को “ट्राईबल आटोनोमस काउंसिल” बनाकर आदिवासियों के विकास का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।
(03)— धरतीपुत्र आदिवासियो का देश के स्वतंत्र आंदोलन में अहम भूमिका रही है।
भगवान बिरसा मुंडा ,जतरा टाना भगत, वीर बुधू भगत , वीर बांटा सिदो कान्हु चांद भैरव, वीर तेलंगा खड़िया , बाबा तिलका मांझी, आदि वीर महापुरुषों ने अपने यौवनकाल में ही अंग्रेजो से लड़ते हुए अपनी जान की आहूति देकर देश को स्वतंत्रता दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
अतः आदिवासी समाज के बलिदानों को याद करते हुए उन्हें सम्मान दिलाने हेतु राज्य सरकार पश्चिम बंगाल के आदिवासी नौजवानों के लिए आदिवासी रेजिमेंट (पुलिस बल) का यथाशीघ्र गठन कर उसका मुख्यालय डुवर्स-तराई में स्थापित करना चाहिए।
(04)— Tea Plantation Act -1951 में संशोधन कर मजदूरों को और अधिक अधिकार देना होगा और न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का शक्ति से अनुपालन करते हुए दक्षिण भारत के चाय बागानों में जहां 9•5 किलोग्राम चाय पत्ती तोड़ने पर 400 रू से लेकर 600रू तक अधिकतम मज़दूरी मिलती है वहीं डूवर्स-तराई के चाय बागानों में 24 किलोग्राम चाय पत्ती तोड़ने पर सिर्फ 202 रूपया मिलता है। अतः न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर सरकारी दैनिक मजदूरी 365 रूपये कर बागानों के मजदूरों को घर , बिजली , पानी , रास्ते , नालियां, शिक्षा, स्वास्थ्य की जो आधारभूत समस्याएं है का समाधान हो और चाय बागान श्रमिकों के कल्याण हेतु West Bengal Tea Plantation Employees Welfare Fund Act-2015 ,व Tea Plantation Labour Act को समुचित ढंग से क्रियान्वयन कर शक्ति से लागू करना चाहिए।
(05)– वन बस्ती क्षेत्रों में The Schedule Tribe and other traditional forest dwellers (Recognition of Forest Right) Act- 2006 (वन अधिकार कानून -2006) को शक्ति से लागू करते हुए वनभूमि में निवास करने वाले आदिवासियों को जितना जमीन में उनका अधिकार है को ग्राम वन समिति को क्रियाशील कर अधिकार देते हुए उनके अनुसंशा करने पर ही अंचल द्वारा वनभूमि पट्टा देने का मार्ग प्रशस्त किया जाय।( केवल 05 डेसिमल जमीन के पट्टे वाले आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए)
(06)वन उपज का व्यापार , संरक्षण , सुरक्षा , विकास कार्य आदिवासी सहकारी समिति या आदिवासी ग्राम समिति बनाकर नियमानुसार अधिकार दिलाने हेतु कार्य किया जाना चाहिए।
(07)— सरना, मसना, धुमकुड़िया, अखाड़ा, का निर्माण कर उनका विकास, चहारदिवारी निर्माण कर धुमकुड़िया भवन में डिजिटल लाइब्रेरी, कंप्यूटर प्रशिक्षण ,कौशल विकास शिक्षा, वोकेशनल ट्रेनिंग,UPSC, WBPSC, JPSC, SSC, Banking, Railway आदि का कोचिंग सेंटर के रूप में विकसित करने हेतु व चाय बागान बस्तियों में नालियां, सड़क, सोलर लाइट, पानी का समुचित व्यवस्था करने हेतु निर्वाचित विधायक अपने वार्षिक विधायक निधि 75% राशि समिति से विचार विमर्श कर आबंटन व खर्च होना चाहिए। इस पर राज्य सरकार विधायक को दिशा निर्देश जारी करना चाहिए।
08)– कुड़ूख , मुंडारी , हो, सादरी (नागपुरी) भाषाओं को राजभाषा का दर्जा प्रदान कर प्राथमिक विद्यालयों, उच्च विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में पठन पाठन कर व उच्च शिक्षण संस्थानों में विभागों का व्यवस्था कर मातृभाषा में शिक्षा की मौलिक अधिकारों को समुचित जमीनी स्तर पर लागू किया जाय। साथ ही इन भाषाओं का समुचित विकास व मान्यता हेतु संविधान के 8वीं अनुसूची में शामिल करने करने के लिए राज्य सरकार भारत सरकार को अनुसंशा भेजी जानी चाहिए।
(09)–चाय बागानों में दूर्गा पूजा हेतु मजदूरों से सहमति किए बगैर सीधे एक दिन की मजदूरी काट लेने का चलन (System) को पूर्ण रूपेण बंद करना होगा। इसके लिए राज्य सरकार चाय बागान के मालिकों से मिलकर बातचीत कर अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए।
(ख) जितने भी चाय बागान बंद पड़े हुए हैं ऑपरेशन में नहीं है, उसे अभिलंब सरकार अपने स्तर पर चलाने व खुलवाने का पहल करनी चाहिए।
(10)– डूवर्स-तराई के प्रतिभावान खिलाड़ियों को आगे बढ़कर देश एवं दुनिया स्तर पर डूवर्स-तराई का नाम रोशन करने हेतु राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण का केन्द्र खोली जानी चाहिए।
ताकि फूटबाल, हाकी, व आदिवासियो के परंपरागत रूढ़िवादी खेल तीरंदाजी एथलेटिक्स इत्यादि खेलों का समुचित विकास हो सके।
(11)—डूवर्स-तराई में शिक्षा व कला संस्कृति के विकास व संरक्षण हेतु ट्राईबल यूनिवर्सिटी की स्थापना कर प्रत्येक थाना क्षेत्र में एक-एक ट्राईबल महाविद्यालय व जनजातीय भाषा साहित्य अकादमी / ट्राईबल संग्राहालय का निर्माण हेतु सरकार को पहल करनी चाहिए।
(12)अनुसूचित जाति और जनजाति(अत्याचार निवारण)अधिनियम,1989(संशोधित-2016)के तहत डुवार्स-तराई के प्रत्येक थाना क्षेत्र मे जनजाति थाना खोलने हेतु राज्य सरकार तुरंत पहल करनी चाहिए।

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