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देश की 18वीं लोकसभा मे देश के विभिन्न राज्यों के 47 आदिवासी (अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीटो) अधिकांश इंडिया गठबंधन की झोली में जाते हुए दिख रही है। यह कहना है लेखक, चिंतक, सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाहन का। उनका कहना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में देशभर के लगभग 54 प्रतिशत आदिवासियों ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन के पक्ष में मतदान किए थे, परंतु इस बार के लोकसभा चुनाव के रुझानों के मुताबिक देश के लगभग 80 प्रतिशत आदिवासी मतदाता संविधान की रक्षा, कांग्रेस पार्टी के न्याय पत्र में उनके जन मुद्दे समाहित होने के कारण, इंडिया गठबंधन के पक्ष में मतदान कर रहे हैं व दाबा कर रहे है लगभग 30 आदिवासी आरक्षित सीटे इंडिया के खाते में जाती हुई दिख रही हैं। झारखंड की संदर्भ में इनकी माने तो झारखंड की लोहरदगा,खूंटी, दूमका, राजमहल व चाईबासा सिंहभूम पाचो के पाचो आरक्षित सीटे इंडिया गठबंधन जीत रही है। झारखंड के गुमला जिले के बसिया में राहुल गांधी द्वारा सरना धर्म कोड लागू करने की घोषणा व राजी पड़ाहा सरना प्रार्थना सभा,भारत व विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठनो द्वारा चुनावी रण में इंडिया गठबंधन के पक्ष में सीधे मैदान में उतरने व उनके पक्ष में इनके पदाधिकारी कार्यकर्ताओं द्वारा इन लोकसभा क्षेत्र के गांव-गांव में किया जा रहे जनसंपर्क अभियानों के कारण झारखंड के आदिवासी मतदाता इंडिया गठबंधन के पक्ष में गोलबंद हो चुके हैं व देश की सरकार बनाने हेतु स्पष्ट जनादेश दे रहे हैं|
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