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जाने क्या है आदिवासी समाज के जन मुद्दे…
दशकों से निवेदन है कि हमारे
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18 वीं लोकसभा के लिए देश में हो रहे, आम चुनाव 2024 के भारतीय जनता पार्टी की संकल्प पत्र “मोदी की गारंटी” में क्यों नहीं है।कांग्रेस की न्याय पत्र की तरह आदिवासियों की हक अधिकारों को लागू करने की गारंटी……
जाने क्या है आदिवासी समाज के जन मुद्दे…
(क) धार्मिक अस्तित्व के पहचान सरना धर्म कोड।
(ख) पांचवी एवं छठी अनुसूची का अक्षरस: अनुपालन।
(ग) पी पेसा कानून 1996 का अक्षरस: अनुपालन।
(घ) माननीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक समथा निर्णय 1997 के तहत खनिज लवणों का खनन एवं विपणन का अधिकार।
(ङ) वन अधिकार अधिनियम 2005 का शक्ति से अनुपालन:
(च) उरांव (कुरुख), मुंडरी, हो, सदरी आदि भाषाओं को भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु मांग।
(छ) झारखंडी मूल के आदिवासी संथाल, मुंडा, उराव,हो आदि को असम राज्य में आदिवासी का दर्जा देना।
(ज) भारतीय संविधान के भाग 03 के अनुच्छेद 12 में सहकारी समिति (को-ऑपरेटिव सोसाइटी) को मौलिक अधिकार के तहत अनुसूचित क्षेत्र में खदान कार्य, वन उपज का संग्रह व व्यापार कृषि उत्पादों का उचित मूल्य में क्रय-विक्रय इत्यादि का लाभ देते वह इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मुहैया कराया जाए।
(झ) भारतीय संविधान के 275(01) जनजातीय उपनिधि (ट्राइबल सब प्लान) के पैसों का आदिवासी ग्राम सभा के माध्यम से नियम संगत योजना बनाकर खर्च करने का प्रावधान लागू किया जाए।
सोचे विचारे मंथन करें और देश हित,समाज हित में अपने मताधिकार का जरूर प्रयोग करें।
दशकों से निवेदन है कि हमारे
आदिवासियों से संबंधित शोधपूर्ण संवैधानिक,धार्मिक,आर्थिक,
सामाजिक, सांस्कृतिक तथ्यों को सामने लाने हेतु वीडियो की दाहिने तरफ दिख रही घंटी जैसी आकृति को दबाकर चैनल को सब्सक्राइब, लाइक व शेयर कर हमारी हौसला अफजाई जरूर करें ,इससे हमें आदिवासी समाज के जनमुद्दो को और अधिक निर्भीक होकर आपके समक्ष लाने में बल मिलेगा।
जोहार….
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