World News in Hindi: फ्रांस (France) के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने गुरुवार (3 अगस्त) को एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि देश एक ‘विशाल’ चुनौती का सामना कर रहा है, इस गर्मी में हुए दंगों के लिए जिन युवाओं पर मुकदमा चलाया गया उनमें से अधिकांश या तो सामाजिक देखभाल (Social Care) में थे या एकल-माता-पिता वाले परिवार (Single-Parent Families) से थे. उनके इस बयान को असंवेदनशील टिप्पणियों के तौर पर देखा जा रहा है
जून के महीने में पेरिस के उपनगर नैनटेरे (Nanterre) में एक कार में 17 वर्षीय नाहेल मेरज़ौक (Nahel Merzouk) की एक यातायात पुलिस अधिकारी द्वारा गोली मारकर हत्या करने के बाद हिंसा भड़क उठी थी.
फ़्रांसीसी दंगे
प्रदर्शनकारियों ने 12,031 कारों और 2,508 इमारतों में आग लगा दी या तोड़फोड़ की, जिसमें 258 पुलिस स्टेशन और 243 स्कूल शामिल थे, और लगभग 800 अधिकारी घायल हो गए.
लगभग 3,505 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 1,056 को जेल में डाल दिया गया. गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक तिहाई दंगाई 18 साल से कम उम्र के थे. सबसे छोटा दंगाई 11 साल का था.
‘दंगाइयों में बहुमत नाबालिगों का’
मैक्रां ने कहा, [ट्रायल के लिए भेजे गए] लगभग 75 प्रतिशत नाबालिग या तो सामाजिक देखभाल में थे या एकल-अभिभावक परिवारों से थे. यह एक बहुत बड़ी चुनौती है क्योंकि (बाल दंगाई) कल का समाज हैं.’
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकारी अधिकारियों को एकल माता-पिता को अपने बच्चों को शिक्षित करने में मदद करने के लिए और कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमें इन परिवारों का साथ देना चाहिए, अधिक साधन देने चाहिए, उन्हें बेहतर तरीके से तैयार करना चाहिए और साथ ही उन्हें और अधिक जिम्मेदार बनाना चाहिए.’