Home Tribals Culture News मणिपुर,झारखंड सहित देश में आदिवासी बनने की होड़….जाने आदिवासी बनने के संवैधानिक नियम लोकुर समिति-1965 की अनुशंसा।

मणिपुर,झारखंड सहित देश में आदिवासी बनने की होड़….जाने आदिवासी बनने के संवैधानिक नियम लोकुर समिति-1965 की अनुशंसा।

by Johar TV
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लोकुर समिति (1965) ने अनुसूचित जनजाति की पहचान के लिए पांच मापदंड बताए थे, जैसे–
(01) आदिम लक्षण।
आदिवासी होना नस्ल का मामला है। आदिवासी अपने आदिवासी मां-बाप से ही पैदा हो सकते हैं।
(02) भौगोलिक अलगाव।
आदिकाल से इनका अपना भौगोलिक निवास स्थान होता है।
(03) बड़े पैमाने पर समुदायों के साथ संपर्क में शर्म, संकोच।
(04) विशिष्ट संस्कृति।
आदिवासी समुदायों के अपने रीति-रिवाज और परंपराएं हैं और उन्होंने अपनी सामाजिक और राजनीतिक प्रणालियां विकसित की हैं। उनके पास अपने स्वयं के प्रथागत कानून हैं जो उनके सामाजिक जीवन को नियंत्रित करते हैं। देश की जनजातीय आबादी संविधान की पांचवीं और छठी अनुसूची के तहत संरक्षित है।
(05) पिछड़ापन।
आदिकाल से आदिवासी वन जंगल व कृषि आधारित जीवन जीते हैं। तथाकथित मुख्य धारा से दूर रहते हैं। अत: आर्थिक रूप से पिछड़े है।

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