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देश के आम जनता के जनमुद्दे व आदिवासियों के जनमुद्दे को व्यापक रूप में देखा जाए तो महंगाई, बेरोजगारी,पलायन, भुखमरी, कुपोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मूलभूत समस्याएं लगभग एक समान है ।
दशकों से निवेदन है कि हमारे
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सीधी बात: लोकसभा चुनाव 2024 में आदिवासियों की रुझान किसकी ओर…
देश के आम जनता के जनमुद्दे व आदिवासियों के जनमुद्दे को व्यापक रूप में देखा जाए तो महंगाई, बेरोजगारी,पलायन, भुखमरी, कुपोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मूलभूत समस्याएं लगभग एक समान है ।
परंतु जल जंगल जमीन की रक्षा, भूमि की रक्षा, अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा व उसका अक्षरस: अनुपालन, धार्मिक अस्तित्व की लड़ाई सरना धर्मकोड की पहचान, जनजाति उपनिधि ट्राईबल सब प्लान का पैसों बंदरबांट, आजादी के इन 77 वर्षों से अदीवासीयो के जनमुद्दे निरंतर बने हुए हैं,और आदिवासी समय-समय पर इन मुद्दों को लेकर सड़को पर उतरकर आवाज बुलंद करते रहे हैं। परंतु इस बार के चुनाव में समाज सचेत है।
प्राप्त संवैधानिक अधिकार तभी लागू होंगे,जब संविधान बचेगा।
अतः संविधान को बचाने व प्राप्त संवैधानिक अधिकारों को लागू करने हेतु समाज के चिंतको,बुद्धिजीवियों,
समाजसेवियों की माने तो कांग्रेस की न्याय पत्र में उनके वन अधिकार, ट्राइबल सब प्लान, स्वशासन-स्वप्रशासन की शक्तियां, सामाजिक,आर्थिक हिस्सेदारी, धार्मिक अस्तित्व की पहचान जैसे जनमुद्दों का स्थान देखते हुए आदिवासी समाज कांग्रेस के पक्ष में सत्ता परिवर्तन हेतु मतदान कर रही है।
सोच, बिचारे,मंथन करें और देश हित, सामाज हित में निर्णय ले। लोकतंत्र की रक्षा व इसे सशक्त करने के लिए, जरूर से जरूर मतदान करें और अपने प्रजातांत्रिक कर्तव्यों का निर्वहन जरूर करें।
दशकों से निवेदन है कि हमारे
आदिवासियों से संबंधित शोधपूर्ण संवैधानिक,धार्मिक,आर्थिक,
सामाजिक, सांस्कृतिक तथ्यों को सामने लाने हेतु वीडियो की दाहिने तरफ दिख रही घंटी जैसी आकृति को दबाकर चैनल को सब्सक्राइब, लाइक व शेयर कर हमारी हौसला अफजाई जरूर करें ,इससे हमें आदिवासी समाज के जनमुद्दो को और अधिक निर्भीक होकर आपके समक्ष लाने में बल मिलेगा।
जोहार….
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